ऋषि धन्वंतरि का जन्मदिन
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Talmel Express
22अक्टूबर 2022
ऋषि धनवंतरि को आयुर्वेद का जन्मदाता माना जाता है। उन्होंने विश्वभर की वनस्पतियों पर अध्ययन कर उसके अच्छे और बुरे प्रभाव-गुण को प्रकट किया। भगवान धनवंतरि ने कई ग्रंथ लिखे, उनमें से ही एक है धनवंतरि संहिता जो आयुर्वेद का मूल ग्रंथ है। आयुर्वेद के आदि आचार्य सुश्रुत मुनि ने ऋषि धनवंतरि से ही इस चिकित्साशास्त्र का ज्ञान प्राप्त किया था। बाद में चरक आदि ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया
किन्तु गुलामी काल मे हिन्दू इस दिन का वास्तविक अर्थ भूल गया और इसे वस्तुएं खरीदने का दिन बना दिया
वैदिक ज्ञान को न् समझने के कारण हम न् जाने और कितने पाखण्डों में गिरेंगे
ऋषि कहते है आयुर्वेद का पालन करो तो तुम्हारे जीवन मे ऐश्वर्य आएगा ।
हमने उल्टा अर्थ लेकर खरीदारी शुरू कर दी।
आयुर्वेद ने #स्वस्थ #शरीर को ही #धन माना है।
पहला #सुख #निरोगी #काया और #दूजा सुख घर में #माया’ # धन लक्ष्मी को दूसरा दर्जा दिया गया है।*
धनतेरस अर्थात भगवान ‘# ऋषि धन्वंतरि_जयंती’ का अर्थ*
आयुर्वेद में #विद्या पूजन का अर्थ- #प्रकृति, #औषधि #वनस्पति और इन सबसे बढ़कर प्रकृति की गोद में उपजी #प्राकृतिक #निधियों की पूजा अर्थात सत्कार है।*
धन्वन्तरि जयंती का अर्थ महार्षि धन्वन्तरि के जन्म दिवस पर प्रकृति की अनुकूलता प्राप्त करके, प्रकृति की असीम अनुकंपा प्राप्त करना है।*
धन्वंतरि नाम के ऐतिहासिक व्यक्ति नहीं हुए हैं।
जिसे आज हम सर्जन कहते हैं आयुर्वेद में उसे धन्वंतरि कहा गया है। शल्य चिकित्सक नहीं।
आयुर्वेद के अनुसार, #धर्म, #अर्थ, #काम और #मोक्ष की प्राप्ति स्वस्थ शरीर और दीर्घायु से ही हो सकती है।*
और संसार में #शल्य #तंत्र को पुर्णतः विकसित किया। आज संसार में शल्य तंत्र (सर्जरी) आयुर्वेद की देन है।*
ऋषि धन्वंतरि के जन्मदिन की शुभकामनाये , हमारा जीवन आयुर्वेद के विरुद्ध न् हो यही मेरी मंगल कामना है
💐नित्य करो योग रहो निरोग*
योगी बनो उप योगी
स्वस्थ रहो मस्त रहो
स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ💐
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