दमदारी के साथ, आपकी बात

नकली प्लेटलेटस बेचने वाले बड़े गिरोह का प्रयागराज पुलिस ने किया खुलासा

99

- Advertisement -

प्रयागराज : डेंगू के कहर के बीच प्लाज्मा को प्लेटलेट्स बताकर बेचने वाले एक बड़े गैंग का पुलिस ने खुलासा किया है। इस गिरोह से जुड़े विभिन्न लैब और पैथोलॉजी में काम करने वाले 10 लोगों को क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया। इनके पास से 10 पाउच प्लाज्मा, तीन पाउच तथाकथित प्लेटलेट्स, एक लाख दो हजार रुपये, तीन बाइक और 13 मोबाइल बरामद हुए हैं। यह गिरोह अब तक सैकड़ों तीमारदारों को नकली प्लेटलेट्स बेच चुका है।

डीएम संजय खत्री, एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय और सीएमओ डॉ.नानक सरन ने लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले इस गैंग का पुलिस लाइन में शुक्रवार को खुलासा किया। एसएसपी शैलेश पांडेय ने बताया कि राघवेंद्र उर्फ राहुल पटेल, सुनील पांडेय, सरफराज, दिलीप शुक्ला, प्रदीप पटेल, योगेश्वर सिंह, प्रवीण पटेल, विकास कुमार, अभिषेक और दिलीप पटेल को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह शहर के ब्लड बैंकों से लेकर अस्पतालों के बाहर तक सक्रिय था। आरोपित प्लेटलेट्स के लिए परेशान तीमारदारों की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें तीन से पांच हजार रुपये में नकली प्लेटलेट्स बेच रहे थे। दरअसल ये प्लेटलेट्स की जगह प्लाज्मा भरकर देते थे।

फ्री का प्लाज्मा लेकर करते थे खेल :

सीएमओ ने बताया कि ब्लड बैंक में प्लाजमा फ्री है। दोनों के रंग में मामूली अंतर है। शातिर प्लाज्मा का पैकेट फ्री में लेते थे। उसमें 350 एमएल प्लाज्मा रहता था। उसमें से 50-50 एमएल प्लाज्मा निकालकर नकली पैकेट में सीरिंज से भरकर फैला देते थे। फिर उस पर ब्लड बैंक की नकली पर्ची चस्पा कर देते थे। इस काम में लैब और पैथोलॉजी में काम करने वाले शामिल थे। इस गैंग ने प्लेटलेट्स बेचकर एक लाख से अधिक रुपये कमाए हैं। पकड़े गए आरोपियों से अभी पूछताछ जारी है।

अस्पताल की प्लेटलेट्स चढ़ाने से बिगड़ी मरीज की हालत :

झलवा के ग्लोबल हॉस्पिटल में प्रदीप पांडेय को चढ़ाने के लिए वहां के कर्मचारियों ने ही प्लेटलेट्स मुहैया कराई थी। उसी के बाद उनकी हालत बिगड़ी और दूसरे अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। डीएम की बनाई गई जांच कमेटी ने इसकी पुष्टि कर दी है। हालांकि प्लेटलेट्स में मौसमी जूस होने की पुष्टि नहीं हुई है।

डीएम संजय खत्री ने बताया कि उन्होंने इस प्रकरण की जांच के लिए एसीएम प्रथम सौरभ भट्ट, सीओ सिविल लाइंस एनएन सिंह और डिप्टी सीएमओ डॉ. सुनील कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन किया था। इस टीम की जांच रिपोर्ट से पता चला कि प्रदीप पांडेय को 14 अक्तूबर को ग्लोबल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने मरीज को आठ यूनिट प्लेटलेट्स इंतजाम करने के लिए कहा था। उनके तीमारदारों ने तीन यूनिट प्लेटलेट्स ब्लड बैंक से लाकर दिया था।

इसके बाद उनको प्लेटलेट्स नहीं मिल रहा था। उसी अस्पताल(ग्लोबल) के एक कर्मचारी ने पांच यूनिट प्लेटलेट्स का इंतजाम कराया। इसके बदले मोटी रकम ली गई। तीन यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ने तक कोई समस्या नहीं थी। जब अस्पताल की ओर से मिले प्लेटलेट्स को चढ़ाया जाने लगा तो प्रदीप की हालत बिगड़ने लगी। पांचवीं यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ने पर मरीज प्रदीप की हालत बिगड़ गई। 17 को प्रदीप को दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पर इलाज के दौरान उनकी 19 अक्तूबर को मौत हो गई।

अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा :

डेंगू पीड़ित मरीज प्रदीप पांडेय की मौत के बाद शुक्रवार को ग्लोबल हॉस्पिटल के डॉक्टर और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। बाकराबाद बम्हरौली निवासी प्रदीप की पत्नी वैश्वनी पांडेय की तहरीर पर धूमनगंज पुलिस ने ग्लोबल हॉस्पिटल के सभी डॉक्टरों, कर्मचारी, सतीश साहू और सतीश के पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप लगाया है कि आरोपियों ने फर्जीवाड़ा करके कूटरचित तरीके से तैयार प्लेटलेट्स के पाउच पर एसआरएन ब्लड बैंक की मोहर लगाकर उनके पति को चढ़ा दिया। इसके कारण उनकी पति की मौत हो गई। धूमनगंज पुलिस ने ठगी, फर्जीवाड़ा, कूटरिचत करना, गैर इरादतन हत्या और साजिश रचने समेत कुल 9 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

Comments are closed.