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जल, जंगल, जमीन बचाने के लिए साइकिल से भारत भ्रमण पर निकले युवा

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तालमेल एक्सप्रेस

प्रयागराज। पर्यावरण, जल संरक्षण एवं स्वच्छता के संदेश को लेकर अलग-अलग तरह के अभियान समय-समय पर चलाए जाते रहे हैं लेकिन आश्चर्य तो तब होता है जब महज 22 वर्ष का एक आदिवासी युवा जो कि छत्तीसगढ़ के सुदूर धमतरी जिला से जल, जंगल, जमीन बचाने की मुहिम को लेकर अपने घर से 26 मार्च 2022 को साइकिल से जन जन तक जागरूकता फैलाने के लिए निकल पड़ता है। संदेश फैलाने वाले यह युआ योगेश कुमार मरकाम है। जो लगभग 8500 किलोमीटर की यात्रा तय करके सोमवार की सुबह लखनऊ पहुंचे। इस यात्रा के दौरान उन्होंने तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, जम्मू, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड एवं मध्य प्रदेश होते उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचे। उनकी साइकिल पर अलग-अलग तरह की जागरूकता तख्तियां लगी हुई थी जिन पर भारत को स्वच्छ बनाओ, पेड़ लगाओ, जिंदगी में साइकिल अपनाओ, क्लीन इंडिया ग्रीन इंडिया, जल संरक्षण जीवन रक्षण जैसे स्लोगन अंकित थे। 6 माह पूर्व घर से निकले योगेश बताते हैं कि उनका सपना था कि पर्यावरण एवं जल संरक्षण का संदेश जन- जन तक पहुंचाने के लिए वह साइकिल से पूरे देश का भ्रमण करेंगे। इसके लिए न उनके पास कोई संसाधन थे और न ही कोई आर्थिक मजबूती लेकिन उनके हौसले बुलंद थे वह जैसे-जैसे आगे बढ़ते गए, लोग उनकी मदद के लिए आगे आते रहे । इसी बीच पुणे निवासी रवि कुमार ने 15 अगस्त को दिल्ली में उनका साथ दिया और अब दोनों साथ-साथ इस यात्रा को अंजाम दे रहे हैं। रवि बताते हैं कि वह साइकिल के माध्यम से यात्रा करके सिंगल यूज प्लास्टिक को न प्रयोग करने के बारे में जागरूक कर रहे हैं। लखनऊ पहुंचने पर नेहरू युवा केंद्र संगठन, नमामि गंगे परियोजना के राज्य परियोजना समन्वयक एवं राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता विजेता संघ, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अजीत कुशवाहा, राष्ट्रीय युवा पुरस्कार विजेता संघ के महासचिव रोहित कश्यप, सृजन फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ अमित सक्सेना, संगिनी क्लब की अध्यक्षा स्मिता श्रीवास्तव, एन्टी क्राइम ट्रस्ट के शैलेंद्र मोहन सहित अन्य लोगों ने फूल, माला पहनाकर एवं तिरंगा भेंट कर स्वागत अभिनंदन किया।
अजीत कुशवाहा ने बताया कि यह सौभाग्य की बात है कि यह युवा पर्यावरण संरक्षण का संदेश लेकर जन जन के बीच जा रहे हैं और साइकिल से हजारों मील यात्रा तय कर रहे हैं। यह बहुत ही साहस का कार्य है इन युवाओं के जज्बे को हम सब को प्रोत्साहित करना चाहिए। इसके बाद यह दोनों युवा अगले गंतव्य पटना के लिए साइकिल के माध्यम से रवाना हो गए।

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