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विश्व मधुमेह दिवस पर स्वास्थ्य शिविर का आयोजन, निकाली गई जागरूकता रैली

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लोगों की अनियमित लाइफस्टाइल दे रही मधुमेह को न्योता : सीएमओ

तालमेल एक्सप्रेस

प्रयागराज। विश्व मधुमेह दिवस पर जनपद के सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। वहीं जनपद स्तर पर मोती लाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय (काल्विन) व जिला महिला चिकित्सालय “डफरिन” में स्वास्थ्य शिविर पर आकर लोगों ने मधुमेह व बीपी की जांच कराई व स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नागरिक बनने का संकल्प लेते हुए हस्ताक्षर अभियान में अपनी भूमिका दर्ज करायी। इसी क्रम में लायन्स क्लब व एनसीडी सेल के संयुक्त तत्वाधान में सुभाष चौराहे से जागरूकता रैली का भी आयोजन किया गया। मधुमेह के प्रति जनसमुदाय में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से सुभाष चौराहे से रैली को हरी झंडी दिखाकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नानक सरन व ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. वीके मिश्र ने रवाना किया। यह रैली सुभाष चौराहे से पीवीआर तक निकाली गयी, जो हॉट-स्टफ चौराहा होते हुए वापस सुभाष चौराहे पर आकार खत्म हुई। रैली में 46 एनसीसी गर्ल्स बटालियन व एक एएनओ ने रैली में प्रतिभाग किया। इस मौके पर एडी हेल्थ डॉ. केके वर्मा ने रैली को संबोधित करते हुए जनसमुदाय से कहा कि “जागरूकता ही मधुमेह से लोगों को बचा सकती है। शहरी लोगों का अनियमित खान-पान और कम शारीरिक श्रम किया जाना मधुमेह को निमंत्रण दे रहा है। सभी लोग अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें योग करें व तनाव मुक्त जीवनशैली अपनाएं। सीएमओ नानक सरन ने कहा कि “लोगों की अनियमित लाइफस्टाइल मधुमेह को न्योता देती है। मधुमेह से बचने के लिए लोग योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें व भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। चिंता वाली बात यह है कि मधुमेह के कारण पैदा होने वाले अनेक प्रकार के स्वास्थ्य विकारों को जानने के बावजूद लोग इसके प्रति जागरूक नहीं है और लगातार ऐसी लाइफ स्टाइल को फॉलो कर रहे हैं, जो मधुमेह के साथ – साथ अन्य बीमारियों को न्यौता दे रही हैं। एनसीडी (गैरसंचारी रोग) के नोडल अधिकारी डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि जनपद के शहरी व ग्रामीण सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वास्थ्य शि विर के माध्यम से लोगों के मधुमेह व बीपी की जांच की गयी है। सभी को उचित परामर्श के साथ दवाएं वितरित करते हुए मधुमेह से बचाव संबंधी सुझाव का पालन करने के लिए कहा गया है। रैली में एनसीडी प्रकोष्ठ से सैलेश सिंह, प्रभाष, डॉ. राजेश, नैदानिक मनोचिकित्सक डॉ. ईशान्या राज, शोसल वर्कर कुसुमलता त्रिपाठी व प्रकोष्ठ के सभी सदस्य मौजूद रहे वहीं लायंस क्लब से डॉ. जगदीश पुलारी, सौरव कांत व विश्व योग परिषद से डॉ. कृष्ण (आत्मचार्य), शिवांस व अन्य सदस्य उपस्थित रहे। इसके लक्षण है – अधिक यूरिन होना, खासकर रात में। बार-बार प्यास लगना, वजन कम होना, बहुत अधिक भूख लगना, धुंधला दिखना, हाथ या पैरों में कंपन होना, बहुत अधिक थकान महसूस करना, त्वचा रुखी रहना, घाव का न सूखना, बार-बार संक्रमण होना।

अपनाएं जरूरी सा‍वधानियां
• नियमित शुगर स्तर की जांच कराए
• किसी भी तरह के घाव को खुला ना छोड़ें
• फलों का रस लेने के बजाय, फल खायें
• व्यायाम करें और अपना वजन नियंत्रित रखें।

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