दमदारी के साथ, आपकी बात

”अबू हसन की प्रेमकथा पर आधारित नौटंकी ने समापन समारोह में बाँधा समां”गीत, संगीत और हास्य से सराबोर प्रस्तुति में झलकी लोक शैली की खूबसूरती

49

- Advertisement -


”अबू हसन की प्रेमकथा पर आधारित नौटंकी ने समापन समारोह में बाँधा समां”
गीत, संगीत और हास्य से सराबोर प्रस्तुति में झलकी लोक शैली की खूबसूरती

उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित पाँच दिवसीय नौटंकी समारोह का समापन शुक्रवार को यादगार बना। उर्मिल कुमार थपलियाल लिखित और दीप शर्मा के निर्देशन एवं परिकल्पना में प्रस्तुत नौटंकी ‘अबू हसन’ ने दर्शकों का गीत-संगीत और हास्य से भरपूर मनोरंजन किया।

केंद्र प्रेक्षागृह में मंचित इस नाटक ने अरेबियन नाइट्स की कथा को नौटंकी शैली में जीवंत कर दिया। कहानी एक भोले-भाले, गरीब, बेरोजगार युवक अबू हसन की है, जो माली तंगी के बावजूद दोस्तों के साथ मौज-मस्ती और दावत में डूबा रहता है। उसकी आदतों से परेशान विधवा मां उसे समझाती है, लेकिन वह अपने ख्वाबों की दुनिया से बाहर नहीं आता।
कहानी में मोड़ तब आता है जब राज्य का बादशाह वेश बदलकर रियाया की खबर लेने निकलता है और अबू हसन से भेंट होती है। अबू उसे परदेसी समझकर अपने घर लाता है और भरपूर खातिरदारी करता है। बादशाह उसकी मेहमाननवाज़ी से खुश होकर उसकी ख्वाहिश पूछता है। अनजाने में अबू हसन उससे एक दिन की बादशाहत की इच्छा जता देता है। बादशाह उसकी मांग पूरी करने के लिए योजना बनाता है और अबू हसन को महल में बादशाह की तरह बिठाया जाता है।
महल में अबू हसन की मुलाकात बादशाह की मुंहबोली बेटी रौशन आरा से होती है और दोनों के बीच प्रेम पनपता है। लेकिन गरीबी के कारण अबू हसन शादी से इंकार कर देता है। यह देख बादशाह उसे गरीबी से उबारकर अपनी बेटी से विवाह करा देता है।
इस नाटक में गीत, संगीत, नृत्य और हास्य का ऐसा सम्मिश्रण प्रस्तुत हुआ, जिसने दर्शकों को खूब गुदगुदाया। मंच पर कलाकारों की अदाकारी और संवाद अदायगी ने माहौल को जीवंत बना दिया। इस अवसर पर शहर के गणमान्यजन, केंद्र के अधिकारी एवं कर्मचारी व बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे। संचालन अभिजीत मिश्रा ने किया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.