मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा करना बहुत जरुरी हैं: तरूण पाठक
प्रयागराज । जिले में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। इसके साथ ही मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया। कार्यक्रम के उपलक्ष में जिला मानसिक स्वास्थ्य प्रयागराज की टीम की ओर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जसरा में एक दिवसीय मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला का विषय ‘बात करने से बात बनती है’ है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद किशोर-किशोरी स्वास्थ्य कर्मियों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात करने के लिए, संबंधित परेशानियों के उपचार के लिए और मरीजों को प्रोत्साहित करने के लिए मनोवैज्ञानिक उपायों के बारे में बताया गया। कार्यक्रम में किशोर एवं किशोरियों ने मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर चर्चा की। कहा कि कम उम्र में घर, परिवार, पढ़ाई, काम का बोझ, मरीजों की देखभाल, समय से दवाई, मरीजों के परिजनों का गुस्सा और आर्थिक दिक्कतें आदि से जूझते रहते हैं। अभी तक उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य की अहमियत नहीं दी है लेकिन अब ऐसा लगता है जैसे हमारा मन और मस्तिष्क हमारे शरीर का रिमोट कंट्रोल है l यदि हम उस पर काम न करें तो उसकी बैटरी खत्म हो जाएगी और शरीर फंक्शन करना बंद कर देगा। इसलिए वह खुद भी और अस्पताल में आने वाले मरीजों और परिजनों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करते हुए समाज में एक नए बदलाव के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जसरा के अधीक्षक तरुण पाठक ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा करना बहुत जरुरी हैं। अस्पताल में तैनात स्टाफ को मरीजों को समझाना होता हैं और सामने वाले की स्थिति को समझ कर उसे सहयोग करने के लिए स्टाफ को भी मानसिक समस्याओं की जानकारी एवं उनका प्रारंभिक व्यवहार की जानकारी आवश्यक है। कार्यशाला का आयोजन एवं संचालन डॉ राकेश कुमार पासवान, मनोचिकित्सक परामर्शदाता एवं डॉ. ईशान्या राज, नैदानिक मनोवैज्ञानिक ने किया। जिसमें जय शंकर पटेल सामाजिक कार्यकर्ता एवं शैलेश कुमार साइकाइट्रिक नर्स परिवार और समाज द्वारा मानसिक स्वास्थ्य की अवहेलना से सामंजस्य बिठाने की क्षमताओं पर चर्चा की|