16 सितंबर से 2 अक्टूबर तक “स्वच्छता पखवाड़ा” हो रहा आयोजित
महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे और उत्तर मध्य रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुए शामिल
तालमेल एक्सप्रेस
प्रयागराज। रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज नई दिल्ली में भारतीय रेल, संचार मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में “स्वच्छता पखवाड़ा” लॉन्च किया। उद्घाटन समारोह के दौरान रेल मंत्रालय, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।इस अवसर पर महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे प्रमोद कुमार एनसीआर के पीएचओडी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। कार्यक्रम में डीआरएम भी अपने-अपने मंडलों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए।इस अवसर पर बोलते हुए, अश्विनी वैष्णव ने कहा, “प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, स्वच्छता मिशन और जीवन का हिस्सा बन गई है। सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण फोकस एरिया हैं। प्रधान मंत्री ने राजनीति को समाज की सेवा के माध्यम के रूप में बदल दिया है।” उन्होंने यह भी कहा कि स्वच्छता पखवाड़ा के दौरान गहन स्वच्छता अभियान के अलावा, रेलवे, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का ध्यान स्वच्छता, टीबी रोगियों के लिए सेवा और मेगा रक्तदान अभियान पर होगा। पखवाड़ा के उद्घाटन दिवस के दौरान, मंत्री द्वारा मुख्यालय, मंडल कार्यालयों और अन्य संबंधित प्रतिष्ठानों में रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी कर्मचारियों को स्वच्छता शपथ दिलाई गई। स्वच्छता पखवाड़ा के शुभारंभ के अलावा, मंत्री ने पर्यावरण स्थिरता पर वार्षिक रिपोर्ट भी जारी की। यह हरित पर्यावरण और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी प्रदान करने वाला एक रेफरल दस्तावेज है।
यह रिपोर्ट ऊर्जा संरक्षण उपायों, वैकल्पिक ईंधन, नवीकरणीय ऊर्जा का दोहन, जल संरक्षण, वनीकरण, स्टेशनों और प्रतिष्ठानों के हरित प्रमाणीकरण, जैव शौचालय, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन आदि जैसे शुद्ध शून्य उत्सर्जन की दिशा में रेलवे के प्रयासों की जानकारी उपलब्ध कराती है। रेल मंत्रालय 16 सितंबर से 30 सितंबर तक स्वच्छता पखवाड़ा मना रहा है। रेल मंत्रालय ने इसे स्वत: 02 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है। इसका समापन महात्मा गांधी की जयंती के साथ होगा। इस वर्ष स्टेशनों पर पटरियों की सफाई, प्रमुख स्टेशनों तक पहुंच और रेलवे परिसर में प्लास्टिक कचरे के उन्मूलन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। पखवाड़ा के दौरान प्लास्टिक कचरा प्रबंधन पर विशेष ध्यान देते हुए स्टेशनों, ट्रेनों, पटरियों, कॉलोनियों और अन्य रेलवे प्रतिष्ठानों की सघन सफाई और सैनिटाइजेशन किया जा रहा है। रेलवे थोक परिवहन का एक पर्यावरण अनुकूल साधन है और यह हमेशा स्वच्छ और हरित पर्यावरण को बढ़ावा देने में सबसे आगे रहा है। इसने रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों के आस-पास स्वच्छ वातावरण प्रदान करने के लिए कई पहलें की हैं जैसे कि साफ पटरियों हेतु कोचों में बायो टॉयलेट, बायो डिग्रेडेबल / नॉन बायो-डिग्रेडेबल कचरे का पृथक्करण, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन आदि। इस दौरान बायो-टॉयलेट के उपयोग, सिंगल यूज प्लास्टिक से बचने और स्वच्छता की आदतों का पालन करने के बारे में शिक्षित करने के लिए उदघोषणा प्रणाली के माध्यम से डिजिटल मीडिया/सार्वजनिक घोषणा के माध्यम से व्यापक जागरूकता अभियान चलाने की योजना है।