आवारा कुत्तों को रखने का मतलब यह नहीं है कि आप लोगों के जीवन को प्रभावित करेंगे- सुप्रीम कोर्ट

तालमेल एक्सप्रेस

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 60 से अधिक आवारा कुत्तों के संरक्षण की मांग करने वाली एक महिला की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसे उसने पालने का दावा किया था। न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील से एक अलग पीठ के समक्ष लंबित इसी तरह के मामले में अभियोग चलाने की मांग करने वाली याचिका दायर करने को कहा।
पीठ ने कहा, ‘आवारा कुत्तों को रखने का मतलब यह नहीं है कि आप उन्हें सड़कों पर ले जाएंगे, लड़ेंगे और लोगों के जीवन को प्रभावित करेंगे…’ पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘जैसा कि बताया गया है कि इसी तरह के मुद्दे पर, एक अन्य पीठ मामले पर विचार कर रही है, वर्तमान रिट याचिका पर विचार नहीं किया जाता है।’