नैनी पुलिस ने किया अन्तर्जनपदीय वाहन चोर गैंग का भंडाफोड़

07 शातिर वाहन चोर गिरफ्तार, कब्जे से चोरी की 21 मोटरसाइकिल बरामद

पुलिस आयुक्त प्रयागराज द्वारा गिरफ्तारी करने वाली टीम को उत्साहवर्धन हेतु 25 हजार रुपये का पुरस्कार

तालमेल एक्सप्रेस

प्रयागराज। सीसीटीवी फुटेज के अवलोकन व मुखबिर की सूचना के आधार पर थाना नैनी पुलिस टीम द्वारा पुराना यमुना पुल के नीचे से 07 अभियुक्तगण को चोरी की 07 मोटरसाइकिल के साथ व इनकी निशानदेही पर पुराने यमुना पुल के नीचे झाड़ियों के पास छिपाकर रखी गयी चोरी की 13 अन्य मोटरसाइकिल व 01 कटी हुई मोटरसाइकिल (कुल 21 मोटरसाइकिल) बरामद की गयी । पकड़े गए अभियुक्तों के ख़िलाफ़ विधिक कार्यवाही की गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नैनी पुलिस ने मुखबिर की सटीक सूचना पर पुराना यमुना पुल के नीचे दबिश देकर 07 वाहन चोरों क्रमशः प्रियम उर्फ रचित श्रीवास्वत पुत्र पुनीत श्रीवास्तव निवासी ग्राम लपावं डभौरा थाना बरगढ़ जनपद चित्रकूट हालपता पुरानी हौली मछली गेट, शक्ति नगर , चाका , थाना नैनी, राजू हरिजन पुत्र स्व0 विजय कुमार हरिजन निवासी छोटा चाका थाना नैनी, राजकुमार उर्फ रिन्चू पुत्र स्व0 हरिश्चन्द्र निवासी महेवा खान चौराहा थाना नैनी, अरबाज पुत्र सिरताज अहमद निवासी घूरपुर खास थाना घूरपुर, मलखान सिंह पुत्र राम सूरत सिंह निवासी दलवाबारी थाना घूरपुर, मो0 कैफ उर्फ छोटू पुत्र स्व0 मो0 शरीफ निवासी महेवा पूरब पट्टी नई बस्ती थाना नैनी, संजय कुमार पुत्र कमलेश कुमार निवासी घूरपुर खास थाना घूरपुर जनपद प्रयागराज को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से मौके से चोरी की 07 मोटरसाइकिल व इनकी निशानदेही पर पुराने यमुना पुल के नीचे झाड़ियों के पास छिपाकर रखी गयी चोरी की 13 अन्य मोटरसाइकिल व 01 कटी हुई मोटरसाइकिल (कुल 21 मोटरसाइकिल) बरामद की गयी । पूछताछ में अभियुक्तगणों द्वारा बताया गया कि हमारे गैंग का सरगना प्रियम उर्फ रचित श्रीवास्तव है। आस पास के क्षेत्रों में रहते हुये हम लोग एक दूसरे के सम्पर्क में आये। हम लोग मिलकर पिछले कुछ समय से भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों, शादी-घर, रेलवे स्टेशन व बस स्टैन्ड के आस-पास से मोटरसाइकिलों की चोरी करते थे और ग्राइण्डर से उनके चेसिस नम्बर मिटाकर गाड़ियों के पुर्जों में हेर-फेर कर उनकी हुलिया बदल देते थे तथा फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर गाड़ियों को दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में बेचकर धनार्जन करते थे। इस कार्य से प्राप्त होने वाले पैसों को हम लोग आपस में बांट लेते थे।