प्रयागराज : बाजार में ठेले पर बिकने वाला फल और किराना की दुकानों पर मिलने वाली दाल आपकी सेहत के लिए कितनी फायदेमंद है, इसकी जानकारी अब आपको बड़ी आसानी से चंद मिनट में मिल सकेगी। इसके लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भौतिकी विभाग के प्रो. केएन उत्तम ने नई तकनीक विकसित की है। यह शोध नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (नासी) के प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय जर्नल नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस लेटर्स के हालिया अंक में प्रकाशित हुआ है।
प्रो. उत्तम ने बताया कि फल और दाल में प्रोटीन और खनिज तत्व की मौजूदगी होती है। अब इसमें मिलावट भी होने लगी है। इसके सेवन से लोग बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में फल और दाल की गुणवत्ता परखने के लिए यह नई तकनीक विकसित की गई। शोधार्थी ऐश्वर्य अवस्थी, छवि बरन, आराधना त्रिपाठी और अपर्णा तिवारी के साथ किए गए शोध में फल और अरहर की दाल में उपस्थित प्रोटीन व अन्य फाइटोकेमिकल की जांच के लिए स्पेक्ट्रोस्कोपी आधारित फोरियर ट्रांसफॉर्म इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी और कन्फोकल माइक्रो रमन स्पेक्ट्रोस्कॉपी तकनीक से की गई।
दाल में उपस्थित पोषक तत्वों की जांच के लिए डायरेक्ट करेंट आर्क ऑप्टिकल एमिशन स्पेक्ट्रोस्कॉपी की मदद ली गई। खास बात यह है कि इस जांच में सिर्फ पांच रुपये लगते हैं। जबकि बाजार में प्रोटीन की जांच के लिए लाई जाने वाली अन्य तकनीकी जैसे हाई प्रेशर लिक्विड क्रोमेटोग्राफी एवं मास स्पेक्ट्रोमेट्री की लागत मूल्य लगभग पांच हजार रुपये है।
दाल कुपोषण से लड़ने में कारगर :
प्रो. उत्तम ने बताया कि दालों में खनिज एवं पोषक तत्वों की उपस्थिति तथा मात्रा जानने की एक अत्यंत प्रभावकारी, सरल व सस्ती स्पेक्ट्रोस्कोपी आधारित तकनीकी विकसित की गई है। इससे अरहर की दाल में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, लिपिड, विटामिन के साथ-साथ लोहा, तांबा, क्रोमियम, सोडियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम की मा़त्रा की जांच संभव है। इन्हीं पोषक तत्वों तथा फाइटोकेमिकल्स की उपस्थिति के कारण यह दाल स्वास्थ्य के लिए अत्यंत उपयोगी है। बच्चों को कुपोषण से निजात दिलाने के लिए दाल का सेवन जरूरी है।
शारीरिक विकास को पोटेशियम जरूरी :
प्रो. उत्तम ने बताया कि अरहर दाल में पाया जाने वाला पोटेशियम शरीर में उचित तरल पदार्थ संतुलन, तंत्रिका संचरण, मांसपेशियों में संकुचन, रक्तचाप के संतुलन के लिए आवश्यक है। मैग्नीशियम हड्डियों, मांसपेशियों के संकुचन, प्रतिरक्षा प्रणाली स्वास्थ्य और तंत्रिका संचरण के गठन के लिए आवश्यक होता है। साथ ही कब्ज से बचाता है। लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन के निर्माण के लिए लोहे की आवश्यकता होती है।