61 की उम्र में औलाद की चाह ने पहुंचाया कोर्ट, मिली IVF की विशेष इजाजत

बच्चे की चाह हर पति-पत्नी को होती है, लेकिन हर किसी की ये चाहत आसानी से पूरी नहीं हो पाती है. ऐसा ही हुआ एक 61 साल के पति और 39 साल की पत्नी के साथ. जिन्होंने औलाद की चाह में केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने भी याचिका पर सुनवाई करते हुए IVF के जरिए इलाज कराने की स्पेशल परर्मिशन दे दी.

याचिका में जानकारी दी गई थी कि पत्नी ने पहले बांझपन के इलाज का ऑप्शन चुना था, लेकिन पैसों की कमी और कोविड की वजह से ये जारी नहीं रह पाया. फिर अस्पताल में इलाज के दौरान पता लगा कि बच्चा न होने की वजह पति है. पति में कोई कमी है. पति की उम्र 55 साल से ज्यादा थी इसलिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा.

दरअसल, साल 2021 में लागू किए गए असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी अधिनियम के अनुसार, IVF तकनीक के जरिए इलाज के लिए नियम बनाए गए हैं. जिसके अनुसार, अस्पतालों को इस बात की इजाजत नहीं है कि वे 50 से ऊपर की महिलाओं और 55 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों को IVF तकनीक से इलाज दें। मौजूदा मामले में जस्टिस वीजी अरुण ने स्पष्ट किया कि आदेश विशेष परिस्थितियों में जारी किया गया।