विज्ञापन नीति को लेकर एकजुट हुए पत्रकार,

बताई अपने मन की बात

 

प्रयागराज । प्रयागराज में मंडल के प्रकाशको और पत्रकारों की एक बैठक वरिष्ठ पत्रकार मुनेश्वर मिश्रा की अध्यक्षता में हुई। जिसमें रेलवे बोर्ड द्वारा जारी मनमानी पूर्ण विज्ञापन नीति का जमकर विरोध किया गया। बैठक में विज्ञापन नीति पर व्यापक चर्चा की गई। इस नीति को छोटे और मध्यम समाचारों को पूरी तरह खत्म करने की साजिश बताया गया तथा रेल मंत्री द्वारा आवश्यक कार्यवाही की मांग की गई। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि भारतीय रेलवे द्वारा अखबारों को शासकीय दरों पर विज्ञापन जारी किए जाते हैं ।इसके विरोध में रेलवे बोर्ड द्वारा मनमानी विज्ञापन नीति घोषित की गई है । इस नीति से छोटे व मझौल अखबारों को डीएवीपी की मनमानी कार्यवाही से विज्ञापन प्राप्त नहीं हो पाएंगे और छोटे और मध्यम समाचार पत्र इससे खत्म होने के कगार पर पहुंच जाएंगे

पत्रकार मीटिंग की तस्वीरें

, समाचार पत्र रेल विभाग द्वारा जारी किए जा रहे कार्य उपलब्धि आदि की जानकारी अपने समाचार पत्र में प्रमुखता से प्रकाशित कर जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करते हैं। पूरे भारतवर्ष में लगभग 70 प्रतिशत लघु मध्यम समाचार पत्र है , जो सरकार प्रशासन विभाग , विशेष कर रेल विभाग द्वारा जारी किया जा रहे जनउपयोगिक कार्यों की जानकारी प्रमुखता से आम जनमानस तक पहुंचाते हैं। रेलवे भी अपने प्रचार प्रसार की प्रमुखता के आधार पर समाचार पत्रों को विज्ञापन देता रहता है। भारतीय रेलवे को विज्ञापन जारी करने में विज्ञापन एजेंसियों की भूमिका को समाप्त करना ही था तो रेलवे पूर्व की भांति जनसंपर्क कार्यालय से सारे विज्ञापन सीधे भी जारी कर सकते थे रेलवे के पास पूरे संसाधन भी उपलब्ध हैं , फिर डीएवीपी को देने की क्या जरूरत थी? क्योंकि डीएवीपी में पहले से ही भारी अनियमिताएं व्याप्त है। ऐसे में डीएवीपी की मनमानी से रेलवे की छवि को भी आघात पहुंचेगा । बैठक में मुख्य रूप से वरिष्ठ पत्रकार मुनेश्वर मिश्रा, अनुपम शुक्ला, के.के श्रीवास्तव, सिद्धनाथ द्विवेदी, कृष्णानंद त्रिपाठी, परवेज आलम जेपी श्रीवास्तव, कमलेश मिश्रा, राकेश शर्मा, शकील अहमद, आफताब अहमद, दूधनाथ पांडे, रघुवीर सिंह, फारूक,अंकित चौरसिया, जगजीत सिंह, संदीप वालिया, धर्मेंद्र कुमार श्रीवास्तव, सतीश कुमार गुप्ता, अमरदीप चौधरी, अनिल कुमार त्रिपाठी, अनुराग तिवारी, कुंदन श्रीवास्तव, देवेंद्र त्रिपाठी, कमल किशोर श्रीवास्तव, संतोष भगवान, रणविजय सिंह, सुधाकर पांडे, आनंद नारायण शुक्ला, रंजीत निषाद, उमेश श्रीवास्तव, राजेश गोस्वामी , शिवेश कुमार राय के साथ कई पत्रकार मौजूद थे।

 

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