प्रयागराज, 21 जनवरी, 2025: धार्मिक एवं सांस्कृतिक आस्था का प्रतीक और विश्व का सबसे बड़ा मेला महा कुम्भ 2025 दुनियाभर से करोड़ों लोगों को आकर्षित कर रहा है। कोका-कोला इंडिया का ‘मैदान साफ’ अभियान भी इसमें अहम भूमिका निभा रहा है। यह अभियान पीएचडी रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन (पीएचडीआरडीएफ), प्रयागराज मेला अथॉरिटी (पीएमए) और कोका-कोला इंडिया का संयुक्त प्रयास है।
कोका कोला इंडिया की सीनियर डायरेक्टर, ईएसजी वैल्यू क्रिएशन सलोनी गोयल ने कहा, ‘कोका-कोला इंडिया में हम महा कुम्भ 2025 जैसे बड़े आयोजनों में सस्टेनेबिलिटी को इंटीग्रेट करते हुए सार्थक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैदान साफ अभियान इस बात का प्रमाण है कि कैसे साझा प्रयासों के दम पर कचरे को अवसर में बदला जा सकता है। साझा जिम्मेदारी की भावना को प्रोत्साहित करते हुए और रीसाइकिलिंग को बढ़ावा देते हुए हमारा लक्ष्य यहां आने वाले लोगों को पर्यावरण के अनुकूल आदतें अपनाने और स्वच्छ एवं हरित भविष्य में योगदान देने के लिए प्रेरित करता है।’
‘मैदान साफ’ कैंपेन के तहत कोका-कोला इंडिया ने सफाई कर्मियों, नाविकों, कचरा प्रबंधन, सफाई कर्मियों को, नाविकों को और कचरा प्रबंधन के वॉलंटियर्स को जैकेट प्रदान की हैं। इन जैकेट्स की मदद से इन कर्मियों की सुरक्षा और आसान पहचान सुनिश्चित होती है, साथ ही रीसाइकिल्ड प्लास्टिक की परिवर्तनकारी क्षमता भी सामने आती है। कोका-कोला इंडिया ने महिलाओं के लिए 1,000 चेंजिंग रूम भी बनाए हैं। नदी घाटों पर 12 किलोमीटर में इन चेंजिंग रूम को पूरी तरह से रीसाइकिल की हुई मल्टी लेयर्ड प्लास्टिक से बनाया गया है। यहां आने वाली महिलाओं की निजता को ध्यान में रखते हुए कपड़े बदलने के लिए इन चेंजिंग रूम को तैयार किया गया है।इन पर भारत के टॉप इलस्ट्रेटर्स के इलस्ट्रेशन प्रदर्शित किए गए हैं।इन इलस्ट्रेशन की मदद से कचरा पृथक्करण और रीसाइकिलिंग को एक रोचक और खूबसूरत प्रयास में बदल दिया गया है।
हर 400 मीटर पर कोका-कोला के हाइड्रेशन कार्ट्स स्थापित किए गए हैं, जिनमें पुरानी बोतलों को कलेक्ट करने के लिए बिल्ट-इन बिन बनाए गए हैं। साथ ही इन पर क्रिएटिव आर्टवर्क के माध्यम से यहां आने वालों को कचरा पृथक्करण और कचरे को मूल्यवान संसाधन बनाने में सक्रिय सहभागिता के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, कोका-कोला इंडिया ने रेलवे स्टेशनों, फूड कोर्ट्स और शहर के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर रिवर्स वेंडिंग मशीनें (आरवीएम) स्थापित की हैं, जिससे पीईटी वेस्ट का कलेक्शन एवं उनकी रीसाइकिलिंग हो सके। साथ ही प्रभावी कचरा प्रबंधन के लिए साझेदारियां भी की गई हैं।
‘मैदान साफ’ अभियान के माध्यम से महा कुम्भ 2025 दिखा रहा है कि कैसे आस्था एवं पर्यावरण संरक्षण को साथ लेकर चला जा सकता है। इससे पर्यावरण संरक्षण को लेकर वैश्विक स्तर पर एक उदाहरण भी प्रस्तुत हो रहा है। छोटे और जिम्मेदारी के साथ किए गए प्रयासों से यहां आने वाले लोग स्वच्छ एवं हरित धरती बनाने में योगदान दे सकते हैं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि इस आयोजन की और साथ ही पर्यावरण की विरासत भी आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रहे।