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अविरल मिश्रा बने मीडिया सलाहकार
तालमेल एक्सप्रेस
प्रयागराज। समिट इंडिया के अंतरराष्ट्रीय परिषद में नयी नियुक्तियां —डॉ. अश्विनी शर्मा, जो अब शिक्षा और कौशल विकास के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे। श्री शर्मा भारतीय सूचना प्राधिकरण के महानिदेशक और सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं, जो शिक्षा क्षेत्र में उनकी गहरी समझ और व्यापक अनुभव का प्रमाण है। समिट इंडिया के अध्यक्ष और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू ने कहा कि डॉ. शर्मा का चयन परिषद के उद्देश्यों को सशक्त बनाने हेतु किया गया है। यह नियुक्ति भारत की विकास यात्रा को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक सिद्ध होगी। संगठन ने नयी दिशा में पत्रकारिता में नव पहचान बनाने वाले अविरल मिश्रा को मीडिया सलाहकार के रूप में नियुक्त किया है। उनका योगदान समिट इंडिया के कार्यों की प्रभावी रूप से प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश में सामाजिक सरोकार और स्थानीय जरूरतों से परिचित व्यक्तित्व के.एल. जुनेजा को संयोजक के रूप में नामित किया गया है। श्री जुनेजा के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश के हित में समिट इंडिया का विस्तार और अधिक सार्थक सिद्ध होगा। महामंत्री महेश वर्मा ने इस अवसर पर बताया कि इन नयी नियुक्तियों के उपरांत समिट इंडिया की ओर से नई दिल्ली में एक भव्य अंतरराष्ट्रीय शिक्षा समिट का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 25 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। यह महासम्मेलन शिक्षा नीति को वैश्विक स्तर पर विस्तार देने और भारतीय शिक्षा के मूल्यों को अन्य देशों में प्रसारित करने की एक अद्वितीय पहल होगी। इस सम्मलेन में 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय डेलीगेट्स के सम्मिलित होने की संभावना है।समिट इंडिया के प्रकल्प, जैसे नमस्ते सिंगापुर, नमस्ते नेपाल, नमस्ते अमेरिका आदि के माध्यम से भारत के सांस्कृतिक मूल्यों को वैश्विक मंच पर प्रकट किया जा रहा है। इन सभी देशों में भारतीय विचारधारा और संस्कारों के प्रसार हेतु विभिन्न चैप्टरों का गठन हो चुका है। समिट इंडिया का “अथर्वभारत” प्रकल्प भी इसी दिशा में कार्यरत है, जिसके अंतर्गत भारतीय डेलीगेट्स विदेशों में जाकर कार्यक्रम आयोजित करेंगे और विदेशी प्रतिनिधि भारत में आकर अपने अनुभव साझा करेंगे।आगामी वर्षों में समिट इंडिया डिजिटल मंच, चैनल्स और मंत्र एवं श्लोक के माध्यम से विभिन्न चिकित्सीय और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। इसके माध्यम से लोगों को उनकी जड़ों से जोड़ने, सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और नई पीढ़ी को इनसे अवगत कराने का प्रयास किया जाएगा।
