- Advertisement -

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वलसाड में आरपीएफ स्थापना दिवस परेड में शिरकत की; 41 पुरस्कार विजेता आरपीएफ कर्मियों को उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया
केंद्रीय मंत्री ने महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगम यात्रा सुनिश्चित करने में आरपीएफ की उल्लेखनीय सेवा की सराहना की
केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज वलसाड स्थित आरपीएफ क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की स्थापना दिवस परेड में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर, केंद्रीय मंत्री ने यात्रियों की जान बचाने में उनके साहसिक प्रयासों के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रपति पदक, जीवन रक्षा पदक आदि से सम्मानित 41 आरपीएफ कर्मियों को सम्मानित किया। ये पुरस्कार देश के रेल नेटवर्क की सुरक्षा में आरपीएफ की अनुकरणीय सेवा को दर्शाते हैं और बल के अन्य सदस्यों को नए जोश के साथ अपने समर्पित प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रेरित करेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने आरपीएफ परेड की औपचारिक सलामी भी ली, जो अनुशासन और प्रतिबद्धता का एक उल्लेखनीय प्रदर्शन था। मंत्री ने परेड के दौरान कर्मियों द्वारा प्रदर्शित अनुशासन, सटीकता और समर्पण के उच्च स्तर की सराहना की।
अपने संबोधन में, श्री वैष्णव ने आरपीएफ कर्मियों को उनके स्थापना दिवस पर हार्दिक बधाई दी और यात्रियों एवं रेल संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनके अटूट समर्पण और प्रतिबद्धता की सराहना की। मंत्री ने हाल ही में हुए महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुरक्षित एवं सुगम यात्रा सुनिश्चित करने में आरपीएफ की उल्लेखनीय सेवा की सराहना की।
केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे एक ऐतिहासिक परिवर्तन के दौर से गुज़र रहा है। पिछले 11 वर्षों में, लगभग 35,000 किलोमीटर नई रेल पटरियाँ बिछाई गई हैं और 99% रेलवे नेटवर्क (लगभग 60,000 किलोमीटर) का विद्युतीकरण किया जा चुका है। वर्तमान में, लगभग 150 वंदे भारत और 30 अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं, जो यात्रियों को विश्वस्तरीय यात्रा का अनुभव प्रदान करती हैं। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 1300 स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा चुका है, जिनमें से 110 स्टेशनों का उद्घाटन हो चुका है और शेष पर काम तेज़ी से चल रहा है।

उन्होंने आगे बताया कि त्योहारी सीज़न की माँग को पूरा करने के लिए, दिवाली और छठ के लिए रिकॉर्ड 12,000 से ज़्यादा विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं, जिससे सभी यात्रियों की सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित हो रही है।
श्री वैष्णव ने ज़ोर देकर कहा कि दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई जैसे प्रमुख मार्गों पर कवच प्रणाली का तेज़ी से उपयोग किया जा रहा है और यह अपने अंतिम चरण में है। कवच को 1200 इंजनों पर लगाया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि हर साल लगभग 7000 कोच बनाए जा रहे हैं, जबकि लोगों की सुविधा के लिए 3500 सामान्य कोच भी जोड़े गए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि रेलवे सुरक्षा बल में आधुनिक प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है और इस दिशा में आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
श्री धवल पटेल, संसद सदस्य, वलसाड; श्री भरतभाई पटेल, विधायक, वलसाड; श्री जीतूभाई चौधरी, विधायक, कपराडा; श्री रमणलाल पाटकर, विधायक, उमरगाम; श्रीमती सोनाली मिश्रा, महानिदेशक आरपीएफ; श्री विवेक कुमार गुप्ता, महाप्रबंधक, पश्चिम रेलवे; श्री अजॉय सदानी, आईजी सह प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त, पश्चिम रेलवे; इस कार्यक्रम में मुंबई सेंट्रल डिवीजन के मंडल रेल प्रबंधक श्री पंकज सिंह और पश्चिम रेलवे के मुख्यालय और मंडल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
आरपीएफ स्थापना दिवस परेड आरपीएफ सदस्यों और उनके परिवारों द्वारा मनाई जाती है। यह जनता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की पुष्टि का दिन है। आरपीएफ एक करुणामयी बल के रूप में उभरा है क्योंकि यह रेलवे के संपर्क में आने वाली महिलाओं, बच्चों, बीमारों, बुजुर्गों, दिव्यांगों और देखभाल व सुरक्षा की आवश्यकता वाले अन्य लोगों की सहायता करता रहा है। यह बल रेल यात्रियों को सुरक्षित, संरक्षित और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे कार्यरत है। परिवहन सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर, आतंकवादी कृत्यों के विरुद्ध निवारक कार्रवाई करके, मानव तस्करी सहित अपराधों से लड़कर, अपराधों का पता लगाने में पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता करके, कानून और व्यवस्था बनाए रखने में सहायता करके, यह राष्ट्रीय सुरक्षा ग्रिड में एक महत्वपूर्ण हितधारक बन गया है।
रेलवे सुरक्षा बल ने “सेवा ही संकल्प” के उद्देश्य को साकार करने के लिए पूरी लगन, ईमानदारी और कड़ी मेहनत के साथ राष्ट्र और उसके नागरिकों की सेवा के लिए खुद को समर्पित किया है और अपने आदर्श वाक्य – “यशो लाभस्व” या “महिमा प्राप्त करो” की दिशा में काम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।