लोक रंगों से सजा मंच, बाल प्रतिभाओं ने मन मोहा
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15 दिवसीय ग्रीष्मकालीन प्रस्तुतिपरक बाल कार्यशाला का रंगारंग समापन
तालमेल एक्सप्रेस प्रयागराज।
उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित 15 दिवसीय ग्रीष्मकालीन प्रस्तुतिपरक बाल कार्यशाला का रंगारंग समापन शनिवार को हुआ। एनसीजेडसीसी के प्रेक्षागृह में आयोजित इस समारोह में बच्चों ने अपनी कला प्रतिभा से दर्शकों का दिल जीत लिया। रंग-बिरंगे परिधानों में सजे नन्हें-मुन्ने कलाकारों ने कथक, हरियाणवी लोकनृत्य, संगीत और मंच प्रस्तुतियों के माध्यम से ऐसा समां बांधा कि प्रेक्षागृह तालियों की गूंज से सराबोर हो उठा। कार्यक्रम का उद्धाटन मुथ्य अतिथि श्री अरविंद मिश्रा (एसडीएम) एवं कार्यक्रम प्रभारी एम.एम. मणि ने फीता काटकर किया।
कार्यशाला के समापन समारोह में बच्चों द्वारा प्रस्तुत कत्थक नृत्य ने जहां पारंपरिक शास्त्रीय रंग भर दिया, वहीं ‘मेरी पतली कमर’, ‘मेरा चुनर मंगादे’, ‘बोला पपीहा’, ‘ढलती रात’ जैसे हरियाणवी गीतों पर दी गई मोहक प्रस्तुतियों ने लोक रंगों की बौछार कर दी। इन प्रस्तुतियों को देखकर न केवल दर्शक आनंदित हुए, बल्कि अभिभावकों ने भी बच्चों की कला और आत्मविश्वास पर गर्व व्यक्त किया।
कार्यशाला में हरियाणा, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश व प्रयागराज से आमंत्रित प्रशिक्षकों ने बच्चों को विभिन्न कलाओं का प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षकों की मेहनत और बच्चों की लगन का ही परिणाम था कि मंच पर प्रस्तुति देते समय हर प्रतिभागी आत्मविश्वास से लबरेज नजर आया। वीथिका में बच्चों द्वारा बनाई गई चित्रकला और मूर्तिकला की प्रदर्शनी भी दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बनी रही।
प्रभारी निदेशक आशिस गिरि ने स्वागत उद्बोधन में सभी बच्चों को बधाई देते हुए कहा कि एनसीजेडसीसी हर वर्ष इस प्रकार की कार्यशाला आयोजित करता रहा है, जिसका उद्देश्य बच्चों के सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास करना है। उन्होंने कहा कि यहां बच्चों ने जो सीखा, वह उनके भविष्य को संवारने में सहायक सिद्ध होगा। समारोह के अंत में प्रतिभागी बच्चों और प्रशिक्षकों को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर केंद्र के समस्त अधिकारी, कर्मचारी, अभिभावकगण तथा बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे।