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प्रयागराज – विकास और परिवर्तन की दिशा में अग्रणी : माननीय महापौर

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विकसित भारत @2047 राज्य-स्तरीय कार्यशाला में प्रयागराज—आधुनिक तकनीक, शिक्षा, स्वच्छता और सतत विकास का मॉडल : माननीय महापौर

लखनऊ, दिनांक—29 नवम्बर 2025
स्थान : डायरेक्टरेट ऑफ अर्बन लोकल बॉडीज़, सेक्टर-7, गोमती नगर एक्सटेंशन, लखनऊ

आज विकसित UP for विकसित भारत @2047 के अंतर्गत एक राज्य-स्तरीय परामर्श कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। सुबह 9:30 बजे पंजीकरण एवं दीप प्रज्वलन के साथ प्रारम्भ हुए इस कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारियों, नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के विशेषज्ञों तथा विभिन्न नगर निगमों के आयुक्तों ने प्रतिभाग किया।
इस महत्वपूर्ण कार्यशाला की अध्यक्षता माननीय नगर विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री श्री ए. के. शर्मा जी ने की।
कार्यशाला का उद्देश्य:-
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश की शहरी व्यवस्था को विकसित भारत 2047 के अनुरूप ढालना था—
स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर
ई-गवर्नेंस
शहरी गतिशीलता एवं ट्रांजिट सिस्टम
शहरी सततता
इंटीग्रेटेड अर्बन प्लानिंग
इन बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा करते हुए सतत, समावेशी और तकनीक आधारित नगर विकास का रोडमैप तैयार किया गया।

विशेष सत्र : महापौर, प्रयागराज का संबोधन

कार्यक्रम में नगर निगम प्रयागराज के माननीय महापौर श्री उमेश चंद्र गणेश केसरवानी जी विशेष अतिथि वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।

अपने संबोधन में उन्होंने कहा—
“प्रयागराज आज परंपरा, तकनीक, शिक्षा, स्वच्छता और नवाचार का ऐसा आदर्श संगम बन चुका है, जो विकसित भारत 2047 की मजबूत नींव रखता है।”

प्रयागराज—विकास और परिवर्तन की दिशा में अग्रणी

महापौर ने शहर में हुए तीव्र बदलावों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रयागराज ने सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर यह सिद्ध किया है कि संकल्प और योजना के साथ कोई भी शहर राष्ट्रीय आदर्श बन सकता है। उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया—

शिक्षा में क्रांति : ऑपरेशन कायाकल्प

महापौर ने बताया कि “ऑपरेशन कायाकल्प योजना” के माध्यम से प्रयागराज के प्राथमिक विद्यालयों का अभूतपूर्व कायाकल्प किया गया है—

प्राथमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किए गए।

आधुनिक तकनीक आधारित डिजिटल लर्निंग सिस्टम शुरू किया गया।

बच्चों के लिए स्वच्छ शौचालय, RO पेयजल, फर्नीचर, खेल सामग्री व पूर्णत: विकसित परिसर तैयार किए गए।

सभी विद्यालयों को ‘‘सुरक्षित, आकर्षक और तकनीकी रूप से सक्षम’’ मॉडल स्कूल के रूप में बदला गया।

उन्होंने कहा कि “प्रयागराज का हर विद्यालय अब आधुनिक भारत के बच्चों के सपनों को पंख देने वाला ज्ञान मंदिर बन चुका है।”

महा माघ मेला 2026 : विश्व स्तरीय आयोजन की तैयारी

उन्होंने कहा कि प्रयागराज आगामी महा माघमेला 2026 हेतु—

अत्याधुनिक यातायात व्यवस्था
नवाचार आधारित सुविधाएँ
पर्यावरण-मित्र तकनीक
को अपनाते हुए वैश्विक स्तर की तैयारियाँ कर रहा है।

स्वच्छता एवं पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ

स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में प्रयागराज ने देश में 12वाँ स्थान प्राप्त किया।

वॉटर+, गंगा टाउन सहित कई राष्ट्रीय अवार्ड।

मियावाकी तकनीक से सिर्फ 1 वर्ष में संपूर्ण शहर में घने वन।

SBM कंट्रोल रूम से 24×7 स्वच्छता निगरानी।

पुराने कूड़े के पहाड़ों का वैज्ञानिक निस्तारण।

धरोहर व सौंदर्य संवर्धन

हेरिटेज मोहल्ला

साहित्य तीर्थ पार्क

रामसेतु एवं आधुनिक प्रकाश व्यवस्था

विश्व की सबसे बड़ी रंगोली के माध्यम से “वसुधैव कुटुंबकम्” का संदेश

तकनीक आधारित नगर प्रबंधन

IIT की सोच पर आधारित नवाचार

स्मार्ट सिटी के अंतर्गत डिजिटल शासन

ई-गवर्नेंस से त्वरित नागरिक सेवाएँ

कार्यशाला के तकनीकी सत्र

कार्यक्रम में विभिन्न तकनीकी और विषयगत सत्रों का आयोजन हुआ—

  1. स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर एवं ई-गवर्नेंस
  2. अर्बन मोबिलिटी एवं ट्रांज़िट सिस्टम
  3. अर्बन सस्टेनेबिलिटी
  4. इंटीग्रेटेड अर्बन प्लानिंग

इन सत्रों में NIUA, UNEP, WRI India, NITI Aayog, Smart City Mission, नगर विकास विभाग, विभिन्न नगर निगमों के आयुक्त व विशेषज्ञों ने प्रस्तुतियाँ दीं

महापौर का समापन संदेश

अपने संबोधन का समापन करते हुए महापौर ने कहा—
“विकसित भारत 2047 का सपना केवल योजनाओं से नहीं, बल्कि हर शहर में वास्तविक परिवर्तन से पूरा होगा। प्रयागराज साबित कर रहा है कि यदि नीयत, नीति और तकनीक साथ चलें तो विकास अपने आप रास्ता बना लेता है।”

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