ये मशीनें नवाचार और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके ट्रैकमैन के जीवन को बेहतर बनाएंगी: अश्विनी वैष्णव
नई दिल्ली, 05 दिसंबर, 2024
रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एकीकृत ट्रैक निगरानी प्रणाली और रोड-सह-रेल निरीक्षण वाहन (आरसीआरआईवी) का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं सीईओ श्री सतीश कुमार, रेलवे बोर्ड के सदस्य (इंफ्रास्ट्रक्चर) श्री नवीन गुलाटी, उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक श्री अशोक कुमार वर्मा तथा रेलवे बोर्ड, उत्तर रेलवे व आरडीएसओ के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
श्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि व्यापक ट्रैक निगरानी के लिए सभी रेलवे जोनों में एकीकृत ट्रैक निगरानी प्रणाली (आईटीएमएस) उपलब्ध कराई जाएगी। इस पहल का उद्देश्य ट्रैक निरीक्षण और रखरखाव में सुधार के लिए उन्नत तकनीक का लाभ उठाकर रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा और दक्षता को बढ़ाना है। माननीय मंत्री ने ट्रैक रखरखाव के लिए ट्रैकमैन एवं अन्य रेलकर्मियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए आधुनिक तकनीक के उपयोग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आईटीएमएस और आरसीआरआईवी के उपयोग से अब ट्रैकमैन के पास रियल टाइम डेटा तक पहुंच होगी, इससे उनका काम आसान, सुरक्षित और अधिक कुशल हो जाएगा।
पृष्ठभूमि:
इंटीग्रेटेड ट्रैक मॉनिटरिंग सिस्टम (ITMS)
इंटीग्रेटेड ट्रैक मॉनिटरिंग सिस्टम (ITMS) एक ऐसा सिस्टम है, जो ट्रैक रिकॉर्डिंग कार (TRC) पर लगाया जाता है। यह 20-200 किमी/घंटे की गति सीमा में ट्रैक के पैरामीटर्स को रिकॉर्ड और मॉनिटर करने की क्षमता रखता है। ITMS विभिन्न तकनीकों को जोड़कर रेलवे ट्रैक के पैरामीटर्स की मॉनिटरिंग और माप करता है, जिससे रेल संचालन सुरक्षित और कुशल बनता है। इस सिस्टम में निम्नलिखित उपकरण शामिल हैं:
- बिना संपर्क वाले लेजर सेंसर
- हाई-स्पीड कैमरे
- LIDAR
- IMU
- एनकोडर
- एक्सेलेरोमीटर
- GPS आदि।
यह सिस्टम इन उपकरणों से डेटा इकट्ठा करने, उसका विश्लेषण करने और प्रोसेस करने के लिए डेटा एनालिटिक्स और एकीकृत सॉफ़्टवेयर का उपयोग करता है।
ITMS को भारतीय रेलवे के ट्रैक मैनेजमेंट सिस्टम (TMS) के साथ जोड़ा गया है, ताकि प्रत्येक ट्रैक रिकॉर्डिंग रन की रिपोर्ट TMS पोर्टल पर उपलब्ध हो। 2022-23 और 2023-24 के दौरान, भारतीय रेलवे पर 03 ITMS शुरू किए गए हैं। ये TRC, RDSO के 7 TRC के बेड़े का हिस्सा हैं, जो भारतीय रेलवे की ट्रैक लंबाई के 2.54 लाख किमी वार्षिक दायित्व के लिए अनिवार्य ट्रैक रिकॉर्डिंग के लिए आवश्यक हैं।
यह सिस्टम P-way अधिकारियों के लिए बेहद सहायक है क्योंकि यह खराब जगहों की तत्काल ट्रैक देखभाल के लिए रियल टाइम अलर्ट SMS और ईमेल प्रदान करता है।
ITMS मुख्य रूप से निम्नलिखित सब-सिस्टम्स से बना है:
- ट्रैक जियोमेट्री मापन प्रणाली- यह बिना संपर्क वाले लेजर सेंसर और हाई-स्पीड कैमरों की मदद से जड़त्वीय सिद्धांत का उपयोग करके गेज, कैंट, क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर संरेखण जैसे ट्रैक जियोमेट्री पैरामीटर्स का मापन करता है।
*समग्र रेल प्रोफाइल और वियर मापन प्रणाली- यह बिना संपर्क वाले लेजर सेंसर और हाई-स्पीड कैमरों की मदद से पूरे रेल प्रोफाइल और वियर का मापन करके रेल की स्थिति की निगरानी करता है। - ट्रैक कंपोनेंट कंडीशन मॉनिटरिंग- यह वीडियो निरीक्षण के माध्यम से ट्रैक घटकों (जैसे रेल, स्लीपर, फास्टनिंग, बैलास्ट) में दोषों की पहचान करता है। यह लूज/मिसिंग ट्रैक फिटिंग्स की पहचान के लिए लाइन स्कैन कैमरों और मशीन लर्निंग का उपयोग करता है।
- एक्सेलेरेशन मापन- एक्सेलेरोमीटर के माध्यम से एक्सल बॉक्स और कोच फ्लोर स्तरों पर एक्सेलेरेशन का मापन करता है, जिससे राइड क्वालिटी और खराब स्थानों की पहचान की जाती है।
- रियर विंडो वीडियो रिकॉर्डिंग- हाई-रिज़ॉल्यूशन कैमरों की मदद से ट्रैक की स्थिति और आसपास के वातावरण की निगरानी करता है, जिससे ट्रैक डिफेक्ट्स और एसेट्स का संबंध स्थापित किया जा सके।
- इनफ्रिंजमेंट मापन प्रणाली- यह LIDAR तकनीक का उपयोग करके MMD/SOD एनवेलप की निगरानी करता है।
रेल-सह-रोड निरीक्षण वाहन (RCRIV)
रेल-सह-रोड निरीक्षण वाहन (RCRIV) को टाटा योद्धा मॉडल से संशोधित किया गया है, जिसमें पीछे की तरफ दो लोहे के पहिये (750 मिमी व्यास) और आगे की तरफ 2 लोहे के पहिये (250 मिमी व्यास) हैं। इसके अतिरिक्त, इसमें 3 कैमरे हैं जो ट्रैक को रिकॉर्ड करेंगे, जिसका रिकॉर्डिंग बैकअप लगभग 15 दिनों का होगा।
(हिमांशु शेखर उपाध्याय)
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी