धन्वंतरि एवं धनाध्यक्ष का पूजन लायेगा आरोग्यता, धन समृद्धि।
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धनतेरस 18 अक्टूबर शनिवार,
त्रयोदशी आरंभ दोपहर 1 बजकर 21 मिनट से।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे और उन्हें आयुर्वेद और चिकित्सा का देवता माना जाता है। इसलिए इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करके लोग अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु का आशीर्वाद पाते हैं।
इस दिन धन्वंतरि देव समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए धन तेरस को धन्वंतरि जयंती भी कहा जाता है। धन्वंतरि देव जब समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे उस समय उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था। इसी वजह से धन तेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है। बर्तन में विशेष रूप से पीतल का कलश खरीदना चाहिए और फिर उसी कलश की पूजा करना चाहिए। धनतेरस के दिन से ही पंच दिवसीय दीपोत्सव पर्व आरंभ हो जाता है।
धन का स्वामी कुबेर को माना जाता है। कहा जाता है कि कुवेर ने ब्रहमा और शिव को खुश करने के लिये बडा ही कठोर तप किया। तपस्या से भगवान शिव और ब्रह्मा बडे खुश हुये। और कुबेर को सभी धन सम्पदा का स्वामी बना दिया। और कहा जो भी श्रद्धा व भक्ति भाव से तेरे नाम का स्मरण करेगा उसके जीवन मे निर्धनता नही आयेगी। उस पर मां लक्ष्मी की अनुकम्पा बनी रहेगी।
धनतेरस के दिन पूजा मुहूर्त मीन लग्न 4 बजकर 13 मिनट से 5 बजकर 45 मिनट तक, प्रदोष काल का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 19 मिनट से रात्रि 06 बजकर 31 मिनट तक रहेगा । इस मुहूर्त में माता लक्ष्मी, कुबेर देव और भगवान धन्वंतरि की पूजा करना अति शुभ होगा।
शनिवार 18 अक्टूबर को प्रदोष काल शाम 5 बजकर 19 मिनट से रात 6 बजकर 31 मिनट तक का है, वहीं वृषभ काल शाम 6.13 मिनट से रात 8.09 मिनट तक रहेगा।
इसलिए धनतेरस पर शाम 5.19 से रात 8.09 मिनट तक लक्ष्मी – गणेश जी, धनापति कुबेर देव और देवताओं के वैद्य धन्वंतरि जी की पूजा करना अति शुभ रहेगा।
धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त
खरीददारी का शुभ मुहूर्त……जिसमें पहला शुभ मुहूर्त दिन में 2 बजे से लेकर दिन में दोपहर 3.30 मिनट तक रहेगा ।
दूसरा शुभ मुहूर्त वृषभ लग्न जो स्थिर लग्न होगा, यह सायं 6.35 से लेकर रात्रि 8.31 तक रहेगा ।
शुभ की चौघड़ियों में दोपहर 3 बजे से 4.30 तक
लाभ की चौघड़िया रात्रि में 7.30 से रात्रि 9.01 से रात्रि
शुभ और अमृत की चौघड़ियों रात्रि में 10.30 से रात्रि 12.30
आपको एवं आपके परिवार को पंच दिवसीय दीपोत्सव पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
आपका शरीर स्वस्थ्य रहे आप दीर्घायु हों आपका जीवन मंगलमय हो प्रभू की कृपा अनवरत आप पर बनी रहे।