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निक्षय मित्रों ने थामा टीबी मरीजों का हांथ

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उत्कृष्ट योगदान देने वाले निक्षय मित्र को राज्यपाल करेंगी सम्मानित

• निक्षय मित्र के नाम से जाने जाएंगे टीबी मरीजों को गोद लेने वाले
• टीबी मरीजों को गोद लेने वाले सभी निक्षय मित्र हो रहे पंजीकृत

तालमेल एक्सप्रेस

प्रयागराज। भारत सरकार का लक्ष्य देश को वर्ष 2025 तक क्षय रोग यानि टीबी से मुक्त बनाना है। क्षय रोग विभाग इसके लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रहा है। इसी क्रम में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत शुरू किए गए स्वैच्छिक कार्यक्रम निक्षय मित्र की मुहिम कारगर साबित हो रही है। अब टीबी मरीजों को गोद लेने वाले लोग व संस्थाओं को निक्षय मित्र के तौर पर जाना जाएगा। क्षय रोग विभाग इनका नाम निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत कर रहा है। अब तक पोर्टल पर 18 निक्षय मित्र पंजीकृत किए जा चुके हैं। इन निक्षय मित्र को राज्यपाल सम्मानित करेंगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ॰ एके तिवारी ने बताया कि “जनपद में इस समय 8,702 टीबी मरीज हैं। इनमें से 3400 टीबी मरीजों को गोद लिए जाने का लक्ष्य तय हुआ है। अब तक 2575 टीबी मरीजों को निक्षय मित्र गोद ले चुके हैं। एनटीपीसी मेजा ने 100 टीबी मरीजो को गोद लिया है। वहीं पीडबल्यूडी ने 100, यूपीपीसीएल निर्माण इकाई ने 50, इफ़्को फूलपुर 100, ड्रग इंस्पेक्टर 100, एलएनटी 50, एनटीपीसी बारा ने 100, यूपी सेडको ने 50 व अन्य निक्षय मित्र जन प्रतिनिधि, राजनीतिक दल, कॉर्पोरेट, व गैर सरकारी संगठन, बैंक एवं निजी स्वास्थ्य महकमे के लोग व आम लोग हैं। विभाग निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज जारी रहने तक टीबी मरीजों के बैंक खाते में 500 रुपये प्रतिमाह भेजा रही है।
डॉ॰ तिवारी ने बताया कि “यदि आप निक्षय मित्र हैं, तो प्रदेश की राज्यपाल आपके इस सराहनीय कार्य के लिए आपको सम्मानित कर सकती हैं। इस संबंध में राज्य क्षय नियंत्रण अधिकारी एवं संयुक्त निदेशक (क्षय) ने प्रदेश के सभी जिला क्षय अधिकारियों को पत्र लिख कर उत्कृष्ट कार्य करने वाले सर्वश्रेष्ठ निक्षय मित्र का विवरण भी मांगा है। पब्लिक प्राइवेट समन्वयक आशीष सिंह ने बताया कि “टीबी मरीज को कोई भी नागरिक गोद ले सकता है। निक्षय मित्र बनने वाले व्यक्ति या संस्था को कम से कम एक साल के लिए और अधिक से अधिक तीन साल के लिए किसी ब्लॉक, वार्ड या जिले के टीबी रोगियों को गोद दिया जाता है। इसमें संबंधित व्यक्ति को अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर या पेशा के बारे में ब्यौरा देना होगा। इसके बाद विभाग की ओर से मरीज को गोद दिया जाएगा। निक्षय मित्र बनकर वे कई टीबी रोगियों को गोद लेने का विकल्प भी चुन सकते हैं। इस अभियान से जुड़ने के लिए निक्षय पोर्टल www.nikshay.in पर रजिस्टर किया जा सकता है।

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